Menu
blogid : 12983 postid : 807291

ये मोहब्बत है…

Ek shahar chhota sa
Ek shahar chhota sa
  • 7 Posts
  • 1 Comment

कभी देखा है,
हवाओं पे पांवों के निशान।

हाँ ये मोहब्बत है ,
और मोहब्बत में मुमकिन है।

अरमानों के पंख होते है ,
बादलों पे घर होता है ।

कभी सुनी है,
दो जवां दिलों की गुफ्तगू ।

हाँ ये मोहब्बत है,
और मोहब्बत में मुमकिन है ।

जब धड़कनें उफान पर होती है ,
तो बंद, खुली , अधखुली आँखें
करती है ढेरो बातें।

निरेन
nirenchandra@ymail.com

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply