Menu
blogid : 12983 postid : 624087

हे गंगा मैया …………

Ek shahar chhota sa
Ek shahar chhota sa
  • 7 Posts
  • 1 Comment

ना रूठो मैया,
हम कैसे जियेंगे ।

तुम्हारे पानी में उतरता था,
बचपन में जब हमारा पांव।
आखों में शरारत भर जाता था,
कौन हमें आपने गोद में खेलायगा।

ना रूठो मैया,
हम कैसे जियेंगे ।

ये तुम्हारे पानी की शक्ति थी
की अंजुरी में भरते ही
भक्ति आपने चरम पर होती थी ।
धुल गए पाप कौन विश्वास दिलायगा ।

ना रूठो मैया,
हम कैसे जियेंगे ।

निरेन
nirenchandra@ymail.com

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply